महा आयुर्वेदि जड़ीबूटी सोनामुखी

                                                           

                                                   

                   
सोनामुखी कि पहचान

सनाय को मन्दाग्नि, कब्ज़, लीवर और पेट के रोगों में, अपच, विषम ज्वर, कामला और पांडु रोग में औषधी के रूप में प्रयोग किया जाता है।सनाय को मन्दाग्नि, कब्ज़, लीवर और पेट के रोगों में, अपच, विषम ज्वर, कामला और पांडु रोग में औषधी के रूप में प्रयोग किया जाता है।सनाय को अरब देशों से भारत में लाया गया था। यह मूलतः सूडान और अरब का पौधा है जो बंजर धरती में उगता है । यह लेगुमिनेसी कुल का पौधा है। सनाय को हिन्दी में सनाय, अंग्रेजी में इंडियन सेन्ना, राजस्थानी में सोनामुखी कहते हैं। फारसी में इसे सिनामक्का कहा जाता है। दवा की तरह इसकी पत्तियों और फली का इस्तेमाल होता है। यह स्वाद में कड़वा और कसैला होता है। इसका इस्तेमाल एक रेचक और दस्तावर के रुप में होता है।इसका पौधा झाड़ीनुमा होता है जिसकी ऊँचाई 2.0 से 4.0 फुट तक होती है। इसकी पत्तियां मेहँदी या सिरस जैसी होती हैं। सर्दियों में इसमें पीले रंग के फूल खिलते हैं। इसकी फली का रंग हल्का होता है और पकने पर गहरे भूरे रंग की हो जाती है | बीज भी भूरे रंग के होते हैं। यह एक बहुवर्षीय पौधा होता है तथा एक बार लगा देने के उपरांत तीन-चार वर्ष तक फल देता रहता है। यह अधिकतर बंजर भूमि में उगाये जाता है और इसे ज्यादा पानी की जरुरत नहीं होती है |

सोनामुखी के फायदे

स्किन के संक्रमण को करे दूर के लिए सनाय के फायदे

वायरल इंफेक्शन को काम करने के लिए सनाय के फायदे

वायरल इंफेक्शन जैसे हेपेटाइटिस बी में सनाय के फायदे-

सर्वाइकल कैंसर में सनाय के फायदे

वजन करे कम के लिए सनाय के फायदे

लिवर से जुड़ी बीमारी के लिए सनाय के फायदे

बालों के लिए सनाय के फायदे

कब्ज से छुटकारा पाने के लिए सनाय के फायदे

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम से बचाव के लिए सनाय के फायदे

बवासीर में सनाय के फायदे

सनाय के पत्ताें के नुकसान 
सनाय की पत्तियों का लगातार उपयोग करने से कई शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं। सेना के पत्ता के नुकसान कुछ इस प्रकार हैं

पाचन संबंधी समस्या: लंबे समय तक अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से इसमें मौजूद लैक्सेटिव के कारण डाइजेस्टिव संबंधित समस्या हो सकती है।

इलेक्ट्रोलाइट की समस्या: सनाय के अधिक सेवन से शरीर में पोटैशियम की कमी का जोखिम बना रहता है, जो इलेक्ट्रोलाइट को प्रभावित कर सकता है।

डिहाइड्रेशन: सनाय की चाय को डिहाइड्रेशन से जूझ रहे व्यक्ति को नहीं देना चाहिए, क्योंकि इससे मरीज को दस्त लग सकते हैं।

इन्हें न दें सेना के पत्ते: पेट में दर्द, आंतों में रुकावट, क्रोहन रोग, अल्सरेटिव कोलाइटिस, अपेंडिक्स, पेट में सूजन व बवासीर आदि की समस्या जिन्हें हो, उन्हें भी सेना के पत्तों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

  

                                                                                           सिताराम सावजी उतेकर

                                                                                               महा आयुर्वेदि जड़बुटी   सोनामुखी                                                                                                                                      मो नं 9833696512
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