महा आयुर्वेदि जड़ीबूटी कुटज
इस पौधे के प्रकारों में से एक, संग्रहणी, पुराने दस्त या कब्ज में मदद करता है। कुटज का चूर्ण अपच में मदद करता है। कुटज का उपयोग दस्त या पाचन से संबंधित अन्य बीमारियों के उपचार में भी किया जाता है। भोजन के बाद उचित मात्रा में (आमतौर पर 15-30 मिली.) पानी के साथ कुटुज की छाल लेने से पाचन संबंधी विभिन्न समस्याओं में मदद मिलती है।
यह गठिया, हड्डियों में दर्द, सूजन आदि जैसी बीमारियों में भी मदद करता है। पौधे की छाल को पानी में उबालकर और कुछ नमक के साथ संक्रमित घाव पर लगाने से घाव भरने की प्रक्रिया को बढ़ावा मिलता है। यह यौन दुर्बलता और धातु रोग में भी मदद करता है। यह मधुमेह के रोगियों और त्वचा की विभिन्न समस्याओं के लिए फायदेमंद है। हाई ब्लड शुगर वाले लोगों के लिए कुटज की छाल को रात में पानी में भिगो दें और सुबह इसका सेवन करें। इससे शुगर को नियंत्रित रखने में मदद मिलेगी। कुटज से त्वचा के फोड़े-फुन्सियों और एक्जिमा पर भी अंकुश लगाया जा सकता है ।
कुटज के फायदे
सफेद दाग, कुष्ठ रोग में कुटज से उपचार
दंत रोग में कुटज से ईलाज
रक्तातिसार में कुटज का सेवन
योनि शिथिलता में कुटज का सेवन
कृमि रोग में कुटज के चूर्ण का सेवन
ज्वर में कुटज
अतिसार में कुटज का चूर्ण
पथरी में कुटज
लू लगने पर कुटज के चूर्ण का सेवन
पेट के कीड़े
पेचिश में कुटज के काढ़ा से फायदा
रक्तपित्त (नाक-कान से खून बहने की समस्या) में
शुगर लेवल कंट्रोल करता है इंद्र जौ
मधुमेह (शुगर, डायबिटीज)
इन्द्रजौ के साइड इफेक्ट : यह मधुमेह से लड़ता है और इसके बीजों में जंबोलाइन नामक रसायन पाया जाता है जो शुगर लेवल को कम करता है. और नुकसान में इसका ज्यादा सेवन करने से पाचन तंत्र कमजोर हो सकता है. मान्यता है कि इसका रस ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करता है. इन्द्रजौ के नुकसान में पाचन तंत्र को खराब कर सकता है और इससे एलर्जी भी हो सकती है
इन्द्रजौ के फायदे : इस पौधे की छाल, पत्ते, फूल, जड़ के प्रयोग से स्किन पर होने वाली तमाम समस्याएं दूर हो सकती हैं। स्वाद में इंद्र जौ बहुत कड़वा होता है लेकिन ये हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। इंद्र जौ को पीलिया, दस्त, स्टोन जैसी बीमारियों को दूर करने के लिए औषधि के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं.

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