Ayurvedic Herb Adusa

                                                           

                                                     
अडुलसा कि पहचान
वासा  के बारे में कौन नहीं जानता। असल में दादी-नानी के जमाने से वासा का प्रयोग सर्दी-जुकाम के इलाज के लिए घरेलू नुस्ख़ों के तौर पर सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है। आयुर्वेद में भी वासा का औषधि के रुप में विशिष्ट स्थान है। वासा को अडूसा  भी कहते हैं। आयुर्वेद में कहा जाता है कि वासा वात, पित्त और कफ को कम करने में बहुत काम आता है। इसके अलावा वासा सिरदर्द, आँखों की बीमारी, पाइल्स, मूत्र रोग जैसे अनेक बीमारियों में बहुत फायदेमंद साबित होता है, तो चलिये वासा किन-किन बीमारियों में लाभदायक है इसके बारे में जानने से पहले वासा के बारे में विस्तार से जानते हैं।
अडूलसा क्या है?
आचार्य चरक ने वासा को रक्तपित्त की चिकित्सा में श्रेष्ठ माना है। चरकसंहिता में दशेमानि‘ में वासा का उल्लेख नहीं है। वासा का पत्ता शाक कफपित्त को कम करने वाला होता है। नेत्ररोगों के साथ अश्मरी (पथरी) शर्करा (ब्लड ग्लूकोज), कुष्ठ, ग्रहणी योनिरोग और वात संबंधी बीमारियों में अन्य द्रव्यों के साथ वासा का प्रयोग मिलता है। सुश्रुत-संहिता में क्षारक्रिया में इसकी गणना की गई है। इसकी तीन जातियाँ पाई जाती है, जो निम्न प्रकार हैं।
  1. श्वेत वासा अडूसा का पौधा झाड़ीदार होता है। इसके सफेद रंग के होते हैं। इसकी मंजरियाँ फरवरी से मार्च में आती हैं। इसकी फली 18-22 मिमी लम्बी, 8 मिमी चौड़ी, रोम वाली होती है तथा प्रत्येक फली में चार बीज होते हैं।
  2. रक्त वासा (ग्रैप्टोफायलम् पिक्टम्)  इसके फूल गहरे लाल रंग के होते हैं।
  3. कृष्ण वासा (जेन्डारुसा वल्गैरिस) इस पौधे का पूरा भाग बैंगनी रंग का होता है। कई स्थानों पर इसका प्रयोग कटसरैया में मिलावट के लिए किया जाता है।

ऊपर वर्णित वासा की प्रजातियों के अतिरिक्त निम्नलिखित प्रजाति का प्रयोग भी चिकित्सा में किया जाता है।(क्षुद्रवासा)- यह लगभग 3-4 मी ऊँचा शाखा-प्रशाखायुक्त क्षुप या झाड़ी होता है। फूल सफेद रंग के होते हैं। कई जगहों पर वासा के स्थान पर इसका प्रयोग किया जाता है। इसके पत्ते, जड़ तथा फूल का प्रयोग चिकित्सा के लिए किया जाता है। पत्ते वमनरोधी तथा रक्तस्तम्भक होते है। इसका पौधा कफ करने वाला तथा बलकारक होता है। फूलों का प्रयोग आँखों की बीमारियों की चिकित्सा में किया जाता है।

अडूलसा के फायदे

  1. सिर दर्द से राहत दिलाये 

  2. आँखों का सूजन करे कम

  3. मुँह में घाव या सूजन में फायदेमंद

  4. मसूड़ों के दर्द से राहत दिलाता है

  5. दांतों की कैविटी से दिलाये राहत

  6. दांत दर्द में फायदेमंद

  7. सांस संबंधी रोगों में फायदेमंद

  8. दमा रोग से दिलाये आराम 

  9. खांसी में फायदेमंद 

  10. क्षय रोग या तपेदिक में 
  11. आध्मान या अपच में 

  12. अतिसार या दस्त में फायदेमंद 

  13. जलोदर से राहत दिलाने में

  14. बवसीर या अर्श में

  15. कामला या पीलिया में फायदेमंद 

  16. किडनी के दर्द से दिलाये आराम

  17. मूत्र संबंधी समस्याओं में फायदेमंद

  18. डिलीवरी का कष्ट करे कम

  19. सफेद पानी या प्रदर में फायदेमंद 

  20. रक्तप्रदर में फायदेमंद 

  21. गठिये के रोग में फायदेमंद

  22. दाद खुजली में फायदेमंद

  23. रक्तपित्त (कान-नाक से खून बहने की समस्या) में फायदेमंद

  24. ज्वर या बुखार में फायदेमंद

  25. कफ या बलगम से दिलाये राहत 

  26. शरीर की दुर्गन्ध से दिलाये राहत

  27. अडूलसा के नुकसान
    • अगर किसी को फूड एलर्जी है, तो इसके सेवन से परहेज करें।
    • अडूसा कितनी मात्रा में लेना है, यह व्यक्ति की उम्र और शारीरिक स्थिति पर निर्भर करता है। ऐसे में बेहतर है व्यक्ति अडूसा के सेवन से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें।
    • अगर किसी को लो ब्लड शुगर की समस्या है, तो वो अडूसा से परहेज करें।
    • अडूसा का सेवन कितनी मात्रा में करना चाहिए, यह व्यक्ति की उम्र और शारीरिक स्थिति पर निर्भर करता है। ऐसे में बेहतर इस बारे में विशेषज्ञ की सलाह ली जाए।

  28.                                                                                                              सिताराम सावजी उतेकर
                                                                                        महा आयुर्वेदि जड़बुटी अडूसा
                                                                                                                मो नं 9833696512

    विषेश जानकारी अगर किसी भी प्रकार कि त्वचा संबंधी बीमारी सफेद दाग, सोरायसीस, एज्जिमा,लाल चट्टे है तो उपर दिये हुये नंबर से संपर्क किजिए

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